Tuesday, July 20, 2010

Delhi Ki "Barsat"

दिल्ली और मुंबई की बारिश का राष्ट्रीय चरित्र हो गया है। चार बूंदें गिरती हैं और चालीस खबरें बनती हैं। राष्ट्रीय मीडिया ने अब तय कर लिया है, जो इन दो महानगरों में रहता है, वही राष्ट्रीय है। मुझे अच्छी तरह याद है, बिहार की कोसी नदी में बाढ आई। राष्ट्रीय मीडिया ने संज्ञान लेने में दस दिन लगा दिए, तब तक लाखों लोग बेघर हो चुके थे। सैकडों लोग मारे जा चुके थे। राहत का काम तक शुरू नहीं हुआ था। वो दिन गए कि मल्हार और कजरी यूपी के बागों में रची और सुनी जाती थी। अब तो कजरी और मल्हार को भी झूमने के लिए दिल्ली आना होगा। वर्ना कोई उसे कवर भी नहीं करेगा। 12 जुलाई को जब दिल्ली में बारिश आई, तो लोग घंटों जाम में फंसे रहे। पांच-पांच घंटे तक लोग सडकों पर अटके रहे। वैसे आम दिनों में दिल्ली में कई जगहों पर दो से ढाई घंटे का जाम होता ही है। लेकिन यह जब दोगुना हुआ, तो धीरज जवाब दे गया। जरूरी भी था कि इस दैनिक त्रासदी को कवर किया जाए, लेकिन जब यही बारिश जयपुर में आती, भोपाल में आती तो क्या उसे कवर किया जाताक् क्या जयपुर, भोपाल, इंदौर की बारिश के लिए कोई न्यूज चैनल अपना तय कार्यक्रम गिराताक् मुझे नहीं लगता है।
उसी तरह दिल्ली की गर्मी और मुंबई की उमस एक महत्वपूर्ण खबर है। मुंबई की लोकल में जरा-सा लोचा आ जाए, न्यूज चैनलों की सांसें रूक जाती हैं। पटना में कोई मालगाडी पलट जाए और घंटों जाम लग जाए, तो कोई अपनी ओबी वैन नहीं भेजेगा। दिल्ली में डीटीसी बस का किराया एक रूपया बढ जाए, तो न्यूज चैनल बावले हो जाते हैं। किसी को पता नहीं है कि जयपुर में किस तरह की आधुनिक बसें चलने लगी हैं, भोपाल या इंदौर में क्या सुविधाएं हैंक् अहमदाबाद में बीआरटीएस कॉरिडोर ने किस तरह दिल्ली की तुलना में कामयाबी पाई। जरूरी है कि पाठक और दर्शक को उनके अधिकार के बारे में बताया जाए।
राष्ट्रीय मीडिया का चरित्र न बन पा रहा है, न बदल पा रहा है। सारे अंग्रेजी चैनलों ने बारिश की त्रासदी को सीमित मात्रा में दिखाया। हिन्दी चैनलों ने जितनी देर जाम, उतनी देर खबर के पैटर्न का अनुकरण किया। दिल्ली के लोगों की जरूरतों को भी अनदेखा नहीं कर सकते। लेकिन हर बार हंगामा दिल्ली को लेकर ही क्योंक् दिल्ली में स्थानीय न्यूज चैनल तो हैं ही। फिर भोपाल और जयपुर के लोग किसी राष्ट्रीय चैनल को देखने में अपना वक्त क्यों बर्बाद करेंक् वैसे भी कौन-सी राष्ट्रीय खबरें होती हैंक्
एक नुकसान और हुआ है। महानगरों में बारिश एक समस्या का रूपक बन गई है, जिसके आने से जाम लगता है। सडकें टूट जाती हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को राउंड पर निकलना पडता है। इसी बारिश में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान भीगते हुए रास्ते साफ कर रहे थे। कई जगहों पर सरकारी कर्मचारी काफी कोशिश कर रहे थे, लेकिन मीडिया ने इस प्रयास को दिखाया तक नहीं। किसी ने नहीं पूछा कि और कितनी लाख कारें सडकों पर उतरेंगीक् सिर्फ एकांगी तस्वीर पेश की कि ये जो बारिश आई है, वो तबाही है तबाही।
देश के जिलों में जाइए, बारिश होते ही लोगों के चेहरे पर चमक आ जाती है। अब तो बारिश में झूमते किसानों की भी तस्वीर नहीं छपती। धान की रोपनी करने वाली महिलाओं की तस्वीरें गायब हो गई हैं। सडकों पर पानी भरने के बाद उसमें नहाते बच्चों की तस्वीरें भी भूले-भटके छपती हैं। अब तो टीवी चैनलों ने बारिश को आतंककारी बना दिया। धडाम से ब्रेकिंग न्यूज का फ्लैश आता है- दिल्ली में भयंकर आंधी, मुंबई में पांच घंटे से लगातार बारिश। लोकल ट्रेन ठप। दहशत होने लगती है कि हाय रब्बा जाने कौन-सी आफत आने वाली है। यही हाल रहा, तो कुछ दिनों के बाद दिल्ली और मुंबई की नई पीढियां यकीन ही नहीं कर पाएंगी कि बारिश के मौसम में हम कजरी भी गाते थे। सावन में झूला भी झूलते थे।
बारिश का मतलब अब शहरी परेशानी बन कर रह गया है। नगर निगमों की नाकामी और घूसखोर इंजीनियरों की पोल खोलने का एक प्रत्यक्ष आयोजन! लेकिन क्या मीडिया उन इंजीनियरों का पीछा करता हैक् बताता है कि फलां सडक का ठेकेदार कौन था, इंजीनियर कौन थाक् वो बस शोर करता है। बारिश आई और तबाही आई। सडकों पर गड्ढों के लिए क्या बारिश ही जिम्मेदार हैक् एक इंजीनियर ने कहा कि बारिश से हम द:ुखी नहीं होते। रिपेयरिंग का नया बजट मिल जाता है कमीशन खाने के लिए। इस देश की नगर निकायों को कोई सुधार नहीं सकता। जब भी आप बारिश की खबर देखें, टीवी बंद कीजिए और छत पर जाइए। ये मार्केटिंग का दौर है। बारिश एक भयंकर 'इमेज' संकट से गुजर रही है। करतूत घूसखोरों की और बदनाम बारिश हो रही है। प्लीज, बारिश की मासूम फुहारों को बचाइए।

1 comment:

  1. titanium bike frame - ITBI Design
    Steel Frame 슬롯 나라 - titanium bike frame - stainless titanium hair steel. price of titanium One of mens titanium rings the largest carbon steel how to get titanium white octane brands in the world, the titanium bike frame is

    ReplyDelete