Wednesday, February 1, 2012

90-B खत्म, 90-A लागू

जयपुर 01Feb2012

राज्य सरकार ने कृषि भूमि रूपान्तरण की धारा 90-बी खत्म कर दी है। इसकी जगह अब 90-ए प्रभावी होगी। इसमें 90-बी के कई प्रावधान जोड़े जाएंगे। साथ ही कुछ नए प्रावधान भी जुड़ेंगे। अब नगरीय क्षेत्रों में मास्टर प्लान में दिखाए भू उपयोग के अनुसार ही भू रूपान्तरण हो सकेगा। प्लान के विरूद्ध रूपान्तरण नहीं हो सकेगा। सरकार भी किसी तरह की छूट नहीं दे पाएगी। इससे शहरों का मास्टर प्लान के मुताबिक सुनियोजित विकास हो सकेगा। जहां जेडीए, यूआईटी नहीं है वहां नगर पालिका, परिषद व निगम के अफसरों को कृषि भूमि रूपान्तरण का अघिकार मिलेगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान भू-राजस्व अघिनियम की धारा 90-बी को खत्म करने का फैसला हुआ। मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए 90-बी खत्म करने का ऎलान किया था। मंत्रिमण्डल ने धारा 90-ए में संशोधन कर स्कीम प्लान के अनुसार ही भू रूपान्तरण का निर्णय किया। एसीएस नगरीय विकास पी. के. देब ने बताया, इससे मास्टरप्लान से छेड़छाड़ पर लगाम लगेगी। यह प्रावधान सभी नगरीय क्षेत्रों में लागू होगा।
शहरी निकायों को मिले अघिकार
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया, नगरीय क्षेत्र में जिला प्रशासन के बजाय शहरी निकाय के अघिकारी कृषि भूमि रूपान्तरण कर सकेंगे। इसके लिए नगर निगम, पालिका व परिषद के अघिशासी अघिकारी व आयुक्त को अघिकृत किया जाएगा। इनके निर्णयों के खिलाफ संभागीय आयुक्त के बजाए अब जिला कलक्टर या उसके समकक्ष अघिकारी के यहां 30 दिन में अपील की जा सकेगी, जिसे अपीलीय अघिकारी को 60 दिन में निपटाना होगा। ऎसा नहीं करने पर अघिकारी को स्पष्टीकरण देना होगा।
आम शहरी का फायदा क्या?
90 ए के तहत भू रूपान्तरण की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए जल्द ही नियम बनाकर अघिसूचना जारी की जाएगी। मास्टरप्लान के मुताबिक आवास के लिए जरूरतमंद आम शहरी को आधारभूत सुविधा युक्त अपेक्षाकृत सस्ते भूखण्ड मिल सकेंगे। मास्टरप्लान में आवासीय उपयोग के लिए स्थान निर्घारित होने के कारण विकासकर्ता वहीं आवासीय योजनाएं लाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार एक ही स्थान पर योजनाएं होने के कारण दर को आपस में प्रतिस्पर्घा होगी। इस प्रतिस्पर्घा का खरीदार को लाभ मिलेगा। दूसरी तरफ ऎसी भूमि के खातेदारों को भी फायदा होगा। वे मनमानी कीमत पर विकासकर्ता को जमीन बेचेंगे।
धाराओं में फर्क क्या
अब तक भूमि राजस्व अघिनियम 1956 की धारा 90-बी के तहत नगरीय क्षेत्र में किसी भी कृषि भूमि का भू रूपान्तरण हो सकता था। अब 90-ए में किए संशोधन के तहत मास्टरप्लान में किसी स्थान के लिए निर्घारित भू उपयोग के विपरीत कृषि भूमि का रूपान्तरण नहीं होगा। जानकारों के अनुसार भू रूपान्तरण की प्रकिया तय करने के लिए जारी नियमों में हर कार्य की समयावघि निर्घारित की जाएगी।
खातेदार ले सकेंगे जमीं
पहले ले आउट मंजूर नहीं होने के बाद भी रूपान्तरण को समर्पित भूमि खातेदारों को वापस नहीं मिलती थी। अब खातेदार कृषि भूमि वापस ले सकेगा। संशोधन के बाद सरकार 90-ए के आदेश बदल सकेगी और स्वप्ररेणा से किसी प्रकरण की पत्रावली मंगा संबंघित पक्षों को सुन आदेश दे सकेगी। पर मास्टर प्लान का उल्लंघन नहीं किया जा सकेगा।
ये निर्णय भी लिए मंत्रिमण्डल ने
मणिपाल एज्यूकेशन फाउण्डेशन को 59.32 एकड़ भूमि संस्थानिक आरक्षित दर से 40 प्रतिशत दर पर आवंटन। मणिपाल ग्रुप बेंगलूरू को 2008 में आवंटित हॉस्पिटल के लिए भूमि आवंटन की शर्ते यथावत रखते नियमन प्रस्ताव पर मोहर।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति उप योजना तैयार करने और बजट में दर्शाई राशि का वास्तविक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए व्यापक दिशा निर्देशों को मंजूरी।
राजस्थान स्वैच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 10 में संशोधन। इससे अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के करीब 5500 कर्मियों को नई पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।
नर्सिग स्कूलों का निरीक्षण अब सरकारी अघिकारी भी कर सकेंगे।
सत्र 27 या 28 से
विधानसभा का बजट सत्र 27 या 28 फरवरी से शुरू हो सकता है। मंत्रिमण्डल बैठक में इस पर चर्चा हुई। मंत्रिमण्डल पूर्व में ही सत्र की तारीख तय करने के लिए मुख्यमंत्री को अघिकृत कर चुका है। गहलोत राज्यपाल शिवराज पाटिल से बात करेंगे और राज्यपाल की सहूलियत के हिसाब से इनमें से कोई तारीख तय करेंगे।
होटलनुमा कन्वेंशन सेंटर के लिए निकाली गली
मंत्रिमण्डल ने होटल की शक्ल में बनने वाले कन्वेंशन सेंटर को आखिर गली निकालकर मंजूरी दे ही दी। मंत्रिमण्डल ने शर्तो में बदलाव कर एक समूह को जयपुर में रीको के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 42 एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी। सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए इस तरह की गली निकाली है कि सरकारी कार्यक्रमों के लिए कन्वेंशन सेंटर को एक साल में 15 दिन के बजाय 30 दिन नि:शुल्क लिया जा सकेगा।
कागजों में यह भी जोड़ दिया कि इसके बाद भी सरकार को जरूरत पड़ेगी तो समूह को प्राथमिकता देनी होगी। अब कन्वेंशन सेंटर में दो सभागार बनेंगे और सीटों की क्षमता 500 से 1 हजार होगी। चार सितारा होटल का प्रावधान यथावत रख दिया गया है। बैठक के बाद उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक ने दावा किया कि इस निर्णय में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। यह भूमि पीपीपी प्रणाली में 7.80 करोड़ रूपए सालाना प्रीमियम के आधार पर 60 साल की लीज पर दी जाएगी और हर तीसरे साल इसमें 15 फीसदी का इजाफा होगा। 24 माह में 225 करोड़ के निवेश से वहां प्रदर्शनी स्थल एवं कन्वेंशन सेंटर तैयार होगा।
करौली में 15 हजार करोड़ का स्टील प्लांट
मंत्रिमण्डल ने करौली जिले में कल्याणी समूह को15 हजार करोड़ के निवेश से विशेष किस्म का स्टील संयंत्र लगाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। मौजूदा सरकार में राज्य में यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। बैठक में कल्याणी माइनिंग वेंचर्स व नेचुरल रिर्सोसेज प्रा.लि. को खनिज लोह अयस्क के खनन पट्टे के आवंटन के लिए केन्द्र से सिफारिश करने का निर्णय भी हुआ। संयंत्र में करीब 3 हजार लोगों को नौकरी और हजारों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कम्पनी तीन साल के भीतर निर्माण कार्य चालू करने को पाबंध किया गया है।
अन्यथा 10 करोड़ की उसकी अमानत राशि जब्त हो जाएगी। उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक ने बताया कि खनिज पट्टों के आवंटन से निवेशक को कच्चा माल मिल सकेगा। इस संयंत्र से विशेष किस्म की स्टील सीआरजीओ का उत्पादन होगा, जो फिलहाल आयात ही होता है और इसका इस्तेमाल विमान, राकेट आदि में होता है।
पारीक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने विश्वविख्यात कम्पनी मैसर्स सेंट गोबेन ग्लास इण्डिया लि. को विश्व स्तरीय ग्लास उत्पादन बनाने के लिये करौली जिले में खनिज सिलिका सैण्ड के खनन पट्टे के आवंटन को मंजूरी दे दी। कम्पनी द्वारा भिवाड़ी में अब तक 500 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। सिलिका सैण्ड के खनन पट्टे आवंटन के निर्णय से निवेशक को कच्चा माल मिल सकेगा।